तुम्हे बना के शेर, मैं ग़ज़ल हो जाऊं.......
तुम्हे बना के सांसें, मैं ज़िंदगी हो जाऊं
तुम्हे बना के दिल, मैं धड़कन हो जाऊँतुम्हे बना के सांसें, मैं ज़िंदगी हो जाऊं
तुम्हे बना के शमा, मैं परवाना हो जाऊं
तुम्हे बना के बुत, मैं काफिर हो जाऊं
तुम्हे बना के मंज़िल, मैं रहगुज़र हो जाऊँ
तुम्हे बना के चिंगारी, मैं आतिश हो जाऊं
तुम्हे बना के फूल, मैं खुशबु हो जाऊं
तुम्हे बना के ऊंचाई, मैं परिंदा हो जाऊँ
तुम्हे बना के दरिया, मैं मौज बन जाऊं
तुम्हे बना के हुस्न, मैं नज़ाकत हो जाऊं
तुम्हे बना के शेर, मैं ग़ज़ल हो जाऊं.......